सीडीएसएल के शेयर की कीमत क्यों गिर रही है ?
सीडीएसएल देश की एक मात्र लिस्टेड शेयर डिपाजिटरी कंपनी है। इस कंपनी ने अपने निवेशकों को बीते 5 वर्षों में 724% का रिटर्न दिया है। सीडीएसएल ने 13 दिसंबर को ₹1943 का ऑल टाइम हाइ अपने निवेशकों को बना के दिया था। लेकिन उसके बाद से कंपनी का शेयर लगातार गिरता जा रहा हैं और अब ₹1100 से ₹1200 के बीच ट्रेड हो रहा है।
बाय ग्रो यौर गेन्स
3/1/20251 मिनट पढ़ें


सीडीएसएल के शेयर की कीमत क्यों गिर रही है?
सीडीएसएल देश की एक मात्र लिस्टेड शेयर डिपाजिटरी कंपनी है। इस कंपनी ने अपने निवेशकों को बीते 5 वर्षों में 724% का रिटर्न दिया है। सीडीएसएल ने 13 दिसंबर को ₹1943 का ऑल टाइम हाइ अपने निवेशकों को बना के दिया था। लेकिन उसके बाद से कंपनी का शेयर लगातार गिरता जा रहा हैं और अब ₹1100 से ₹1200 के बीच ट्रेड हो रहा है।
व्यापार मॉडल और राजस्व न्यूनतम।
यू तो सीडीएसएल के पास अनेकों राजस्व स्त्रोत हैं, पर इसके दो प्रमुख हैं। पहला एनुअल ईशुअर चार्जेस और दूसरा ट्रांजैक्शन चार्जेस है। एनुअल ईशुअर का चार्ज उन कंपनियों से आता हैं जो उनके सर्विसेज इस्तेमाल करती हैं। आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि कंपनी जो की शेयर बाजार में लिस्टेड है उनसे ₹9,000 और अनलिस्टेड कंपनी से ₹5,000 सालाना चार्ज करती है। और स्वीकृत शेयर पूंजी के मायने से हर कंपनी से अलग-अलग और ज्यादासे ज्यादा ₹75,000 तक के सालाना चार्जेज से रेवेन्यू करती है। दूसरा है ट्रांजैक्शन चार्जेज जो की कंपनी आप और हम जैसे आम निवेशकों से हमारे स्टॉक ब्रोकर द्वारा इनडायरेक्टली चार्जेज कमा ती है। सीडीएसएल के अन्य राज्स्व स्रोत हैं जैसे आईपीओ जोकी सीडीएसएल कंपनियों से लिस्ट होने के लिए वन टाइम प्रोसेसिंग फीस के रूप में चार्ज करती है, ई वोटिंग जहां से सीडीइसएल कंपनीयो से अपने शेयर होल्डर्स को वोटिंग प्लेटफार्म प्रोवाइड कराती है अपने बड़े डिसीजंस के लिए, शेयर प्लेजिंग,फिजिकल शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक शेयर्स में कन्वर्ट करना, ई केवाईसी, स्टॉक ब्रोकर और म्युचुअल फंड हाउसों से, अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज आदि द्वारा सीडीएसएल अपना रेवेन्यू कमाती है।
कंपनी के बिजनेस मॉडल को अच्छे तरीके से समझने के बाद चालिए अब इसके रेवेन्यू ब्रेकडाउन और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को समझते हैं।
सीडीएसएल का 81 करोड़ का सबसे बड़ा रेवेन्यू एनुअल ईशुअर इनकम से आते है जो कि पिछले तीन क्वार्टर से लगभग एक जैसा है ।लेकिन सीडीएसएल की ट्रांजैक्शन चार्जेस को आप देख तो उसमें कमी आई है। दूसरे क्वार्टर में जहां ट्रांजैक्शन चार्ज से होने वाला रिवेन्यू ₹83 करोड़ था, वह 29% से गिरकर ₹59 करोड़ हो चुका है। इसका प्रमुख कारण सेबी है। सेबी का फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस से अत्यधिक एक्सपायरी का हटा देने से है|
यह तो था इसके रेवेन्यू गिरने का कारण चलिए अब जानते हैं कि क्या और अन्य कारण है, सीडीएसएल के स्टॉक प्राइस और इसके रेवेन्यू के गिरने का: -
पहला निवेशकों का मानना था कि यह सेबी फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस पर अत्यधिक एक्सपायरी को हटा देने से वहा के सभी लोग लॉन्ग टर्म निवेशक में चले जाएंगे। जिसका डायरेक्ट फायदा सीडीएसएल को होगा, लेकिन वह तमाम फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस वाले लोग डब्बा ट्रेडिंग की ओर चले गए। इसलिए अगस्त से दिसंबर तक सीडीएसएल के शेयर में इजाफा हो रहा था और दिसंबर की क्वार्टरली रिपोर्ट के रिजल्ट के सामने आने के बाद सभी को सच्चाई पता चली और सीडीएसएल शेयर गिरने लगा |
दूसरा प्रमुख कारण है कि सीडीएसएल ने 50 पैसे तक हर स्लैब में डेबिट ट्रांजैक्शन कम कर दिए हैं और महिलाओं के लिए 25 पैसे और अलग से माफ कर दिए हैं| इसके अतिरिक्त सीडीएसएल ने हर तरीके के डेबिट ट्रांजैक्शन पर समान ₹3.50 के चार्ज 1 अक्टूबर से लागू कर दिए हैं। यह करने के पीछे कंपनी का ज्यादा से ज्यादा लोगों के प्रति शेयर मार्केट में भागीदारी को बढ़ावा देना है जो कि सीडीएसएल निवेशकों को जरा भी पसंद नहीं आई।
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भविष्य की विकास संभावनाएं
भारतीय शेयर बाजार में टी प्लस जीरो ट्रांजैक्शन पर काम किया जा रहा है। यदि यह लागू हो जाता है तो कंपनी के पास मौका रहेगा की इंट्राडे ट्रेडर्स को भी चार्ज कर सके। और अगर ऐसा संभव हो पता है तो कंपनी का इससे अधिक लाभ होने की संभावना हो सकती है|
अस्वीकरण: हम सेबी-पंजीकृत नहीं हैं, उपरोक्त सभी जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है, निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें या अपना स्वयं का शोध करें|